गर्मियों के मौसम मे आने वाला तरबूज को सभी खाना पसंद करते है। तरबूज मे 92% पानी होता है। और इसके अलावा भी कई सारे पोषक तत्व पाए जाते है। जो सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होते है। लेकिन क्या गर्भवस्था के दौरान तरबूज को खाया जा सकता है। ये सवाल हर गर्भवती महिला के मन मे रहता है। इसलिए आज हम Kumar Medical Care के इस पोस्ट मे जानेंगे जिसमे गर्भावस्था के दौरान तरबूज खाने के क्या फायदे होते है और इसके क्या नुकसान होते है। और किस तरह गर्भवती महिलाये तरबूज को अपने आहार मे शामिल कर सकती है। इन सभी सवालों के जवाब इस पोस्ट ‘ प्रेगनेंसी में तरबूज खाना के फायदे और नुकसान ‘ मे जानेंगे जो अलग अलग सेक्सन मे नीचे लिखे गए है।
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क्या गर्भावस्था के दौरान तरबूज खाना सही है?
तरबूज मे 92% पानी, प्रोटीन, वसा भरपूर मात्रा मे पाया जाता है। और इनके अलावा भी तरबूज मे विटामिन-ए, विटामिन सी,विटामिन बी 6, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन, जिंक, कैल्शियम भी पाया जाता है। जो गर्भवती महिला और उसके गर्भ मे पल रहे बच्चे के के विकास के लिए बहुत ही फायदेमंद होते है। इसलिए संतुलित मात्रा मे तरजूब का सेवन करने से गर्भवती महिला और बच्चे के के लिए बहुत फायदेमंद होता है। और डायटीशियन डाक्टर भी प्रोटीन विटामिन और कार्बोहाईड्रेट के संतुलित मात्रा मे तरबूज का सेवन करने की सलाह देते है।
अगर हम बात करे की, किस तरह तरबूज गर्भवती महिला के लिए लाभदायक है। तो तरबूज मे पानी अधिक मात्रा मे पाया जाता है, गर्भावस्था मे पानी की कमी को दूर करता है, इसमे सूजन को कम करने वाला गुण पाया है। स्किन को चमकदार बनाता है, इसमे मिनरल पाए जाता है। तरबूज कब्ज को ठीक करता है। और रोग प्रतिरोधक क्षमता को ठीक करने का कार्य करता है। इस तरह के अनैक तरबूज के फायदे होते है। जो हम नीचे पड़ेंगे।
तरबूज के पोषक तत्व । तरबूज मे कोन कोन से पोषक तत्व पाए जाते है?
अगर हम पोषक तत्वों की बात करे तो तरबूज मे अनैक लाभदायक पोषक तत्व पाए जाते है, जो गर्भवस्था मे महिला तथा गर्भ मे पल रहे बच्चे के विकास मे सहायक होते है। जो निम्न प्रकार के है-
- अगर हम पोषक तत्वों को बात करे जिससमे 100 ग्राम तरबूज में लगभग:-
- 45 ग्राम पानी,
- 2 ग्राम शुगर,
- 61 ग्राम प्रोटीन,
- 55 ग्राम कार्बोहाइड्रेट,
- 15 ग्राम टोटल लिपिड
- 4 ग्राम फाइबर और
- 30 किलोकैलोरी ऊर्जा की पाई जाती है।
- और हम मिनरल्स की बात करें तो 100 ग्राम तरबूज में:-
- 10 मिली ग्राम मैग्नीशियम,
- 7 ग्राम कैल्शियम,
- 038 मिलीग्राम मैगनीज,
- 24 मिली ग्राम आयरन,
- 11 मिलीग्राम फास्फोरस,
- 112 मिलीग्राम पोटेशियम,
- 1 मिली ग्राम सोडियम,
- 042 मिलीग्राम कॉपर, और
- 4 माइक्रोग्राम सेलेनियम पाया जाता है।
- और बात करें अगर विटामिन की तो 100 ग्राम तरबूज में:-
- ग्राम विटामिन बी-6,
- 1 मिलीग्राम विटामिन सी,
- 033 मिलीग्राम थियामिन,
- 05 मिलीग्राम विटामिन ई
- 021 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन,
- 178 मिली ग्राम नियासिन,
- 045 मिली 3 माइक्रोग्राम फोलेट,
- 28 माइक्रोग्राम विटामिन ए (आरएई), और
- 01 माइक्रोग्राम विटामिन K पाया जाता है।
- और हम लिपिड की बात करे तो लिपित के रूप में 100 ग्राम तरबूज में:-
- फैटी एसिड (टोटल सैचुरेटेड) 016 ग्राम,
- फैटी एसिड (टोटल मोनोअनसैचुरेटेड) 037 ग्राम और फैटी एसिड (टोटल पॉलीसैचुरेटेड) 0.05 ग्राम पाया जाता है।
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प्रेगनेंसी में तरबूज खाना के फायदे
डिहाइड्रेशन को कम करता है:-
गर्भावस्था मे महिलाओ को थकान, और सुस्ती होती है, जो की डिहाइड्रेशन(पानी की कमी) होने के कारण होती है, गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओ को शरीर मे अक्सर पानी की कमी का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाये शरीर मे पानी की कमी को दूर करने के लिए तरबूज को अपने आहार मे शामिल कर सकती है। क्योंकि तरबूज मे 90% पानी पाया जाता है। जो की इस स्थिति मे डिहाइड्रेशन को खत्म करने मे मदद करता है।
मॉर्निंग सिकनेस कम करता है:-
गर्भवती महिलाओ को अक्सर गर्भावस्था के दौरान मतली(जी मचलान) और उल्टी होती है। और यह दिन मे कभी भी हो सकती है। जो गर्भवती महिलाओ को के लिए बड़ी समस्या बन जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए गर्भवती महिलाओ को सुबह सुबह तरबूज का सेवन करना चाहिए या तरबूज का जूस पीना चाहिये। क्योंकि तरबूज मे विटामिन बी6 पाया जाता है। जो उलटी और मतली से राहत दिलाता है। इसलिए गर्भवती महिलाओ को उलटी और जी मचलाने से राहत पाने के लिए अपने आहार मे तरबूज को भी शामिल करना चाहिए।
शरीर को डिटॉक्स करता है
तरबूज शरीर को डिटॉक्स करने मे भी मदद करता है। क्योंकि तरबूज मे डाइयुरेटिक गुण भी पाया जाता है। जो शरीर से विशेले पदार्थों को बाहर निकालने का कार्य करता है। इसलिए गर्भवती महिलाओ को तरबूज को अपने आहार मे शामिल करना चाहिए। क्योंकि तरबूज मे विषेले पदार्थ बाहर निकालने वाला गुण होने के कारण शरीर से विषेले तत्व बाहर निकाल जाने से स्किन मे रोजक आती है। और किडनी और लिवर भी ठीक से कार्य करने लगते है।
प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए :
तरबूज मे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बड़ाने वाले गुण पाए जाते है। इस पर एक शोध भी की गई है। एक्सपेरिमेंटल एंड एनिमल साइंस द्वारा इस पर शोध किया गए है। और कहा गए है। की तरबूज मे रोग प्रतिरोशक क्षमता को बड़ाने वाला गुण लाइकोपेन (Lycopene) पाया जाता है। जो की एक एंटीऑक्सीडेंट है। जो शरीर मे रोगप्रतिरोधिक क्षमता को बड़ाने मे मदद करता है। इस आधार पर कह सकते है, की गर्भावस्था मे रोगप्रतिरोशक क्षमता को मजूबत बनाने के लिए तरबूज को अपने आहार मे शामिल जरूर करना चाहिए।
सीने की जलन में राहत :
तरबूज मे एसिडिटी को कम करने का गुण पाया जाता है। और गर्भावस्था के दौरान महिलाओ को अपच के कारण एसिडिटी की समस्या होती रही है। जिस कारण महिलाओ को सिने मे जलन की शिकायत होती रहती है। गर्भवस्था के दौरान एसिडिटी को काम करने के लिए महिलाये तरबूज का उपयोग कर सकती है। क्योंकि तरबूज मे एसिड को कम करने का गुण होता है। जिससे एसिडिटी से राहत मिलती है।
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सूजन कम करने में मदद करे :-
तरबूज में एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला) गुण मौजूद होता है। जो सूजन को कम करने मे बहुत मदद करता है। और गर्भवस्था के दौरान अक्सर महिलाओ को सूजन का सामना करना पड़ता है। जिसे हम एडिमा कहते है। इसलिए महिलाओ के पेरो मे सूजन ना हो इसलिए तरबूज को अपने आहार मे शामिल कर सकती है। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान 80% महिलाओ को हाथ पेरो मे सूजन आने की संभावना देखी गई है।
मांसपेशियों की ऐंठन को करे कम :
गर्भावस्था के दौरान महिलाओ को अक्सर मांसपेशियों मे दर्द का सामना करना पड़ता है। जो मिनरल्स और विटामिन्स की कमी के करना होता है। तरबूज मे मैग्नीशियम, कैल्शियम, विटामिन बी और विटामिन सी आदि भरपूर मात्रा मे पाए जाते है। और विशेषज्ञों के अनुसार गर्भावस्था के तरबूज के सेवन से मांसपेशियों की ऐंठन को काम किया जा सकता है।
त्वचा की रंगत को रखे बरकरार :
गर्भावस्था के दौरान महिलाओ के शरीर मे होने वाले बदलाओ के कारण गर्भवती महिलाओ की स्किन के रंग मे भी बदलाव आने लगते है। और त्वचा के रंग मे बदलाव हाइपरपिगमेंटेशन (त्वचा का रंग गहरा होना) के कारण होता है। इस बदलाव को नियंत्रित करने के लिए महिलाओ को तरबूज का सेवन करना चाहिए क्योंकि तरबूज मे विटामिन सी पाया जाता है। जो हाइपरपिगमेंटेशन (त्वचा का रंग गहरा होना) के प्रभाव को कम करने मे मदद करता है। जिससे त्वचा की रंग और रंगत मे सुधार आता है। इस लिहाज से ये कह सकते है, की गर्भावस्था मे बदलाव के कारण त्वचा के रंग और रंगत को ठीक करने के लिए तरबूज को अपनी डाइट मे शामिल जरूर करना चाहिए।
कब्ज से दिलाए राहत :-
तरबूज मे पानी 90% पाया जाता है। और इसने फाइबर भी अधिक मात्रा मे पाया जाता है। जो पाचन की क्रिया को ठीक करने मे लाभदायक होता है। और एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक पेज मे बताया गया है, की तरबूज मे पानी और फाइबर की अच्छी मात्रा उपलब्ध होने से कारण यह पाचन प्रक्रिया को ठीक करने मे बहुत मदद करता है। और डाक्टर भी पेट की समस्याओ मे फाईबर युक्त भोजन लेने की सलाह देते है।
मूत्र मार्ग के संक्रमण में फायदेमंद :-
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओ के शरीर मे अनैक तरह के बदलाव होते है। जैसे शारीरक बदलाव और हार्मोनल बदलाव इन बदलाव के कारण महिलाओ के मूत्र मार्ग मे संक्रमण की समस्या हो सकती है। इस स्थित मे गर्भवती महिलाओ को तरबूज का सेवन करना चाहिए, क्योंकि तरबूज मे एंटीबेक्टरियाल गुण पाया जाता है। जो मूत्र मार्ग के संक्रमण में फायदेमंद होता है। और तरबूज किडनी की कार्य क्षमता को बड़ाने मे भी मदद करता है।
भ्रूण की हड्डियों के निर्माण में सहायक :-
गर्भवती महिलाओ के गर्भ पे पल रहे भ्रूण की हड्डियों के विकास के लिये फोस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम की आवस्यकता होती है। ये सभी तत्व भ्रूण की हड्डियों निर्माण मे सहायता करते है। इसके अलावा महिला की हाड़ियों को भी मजबूत बनाते है। ये तत्व तरबूज मे पाए जाते है। इस कारण कह सकते है, की गर्भावस्था के दौरान तरबूज खाना भ्रूण की हड्डियों के विकास के लिए लिए लाभदायक है।
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क्या गर्भावस्था के दौरान तरबूज का सेवन करने के दुष्प्रभाव
गर्भवस्था के दौरान तरबूज संतुलित मात्रा मे खाने से लाभ होते है। लेकिन तरबूज को अधिक मात्रा मे सेवन करने से आपको हानिया भी पहुच सकती है। जो निम्न है-
- तरबूज मे शुगर अधिक मात्रा मे पाई जाती जाती है। इससे आपका शुगर स्तर बड सकता है। इसलिए इसे अधिक मात्रा मे सेवन न करे।
- तरबूज मे नियमीन पाया जाता है, जिस कारण आपको, चक्कर आ सकते है। आपको उलटी हो सकती है। और लिवर से संबंधित समस्याए उत्पन्न हो सकती है।
- आपको पेट दर्द की समस्या हो सकती है। क्योंकि इसमे विटामिन सी अधिक मात्रा मे पाया जाता है।
- तरबूज के अधिक सेवन से आपको दस्त लग सकते है।
- तरबूज को अन्य भोज्य पदार्थों के साथ सेवन करने से आपको एलर्जी की समस्या हो सकती है।
- तरबूज में मौजूद डाइयुरेटिक गुणों पाया जाता है। जो विषेले पदार्थ शरीर से बाहर निकलता है। लेकिन तरबूज के अधिक सेवन से यह शरीर के पोषक तत्वों को भी बाहर निकाल सकता है।
और पड़े गर्भावस्था में अंगूर खाने के फायदे व नुकसान
गर्भावस्था में तरबूज को अपने आहार मे शामिल करे।
अगर हम बात करे की किस तरह हम तरबूज को अपनी डाइट मे शामिल कर सकते है। तो कुछ इन तरीकों से आप तरबूज को अपनी डाइट मे शामिल कर सकती हो।
- तरबूज को काटकर छोटे छोटे टुकड़े करके नसते के साथ खाया जा सकता है।
- तरबूज को सीधे काटकर खाया जा सकता है।
- आप तरबूज का जूस बनाकर भी पी सकता है।
- आप तरबूज को सलाद की तरह भी उपयोग कर सकता है।
- आप चाहें तो स्मूदी बनाकर भी इसे प्रयोग में ला सकती हैं।
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तरबूज खाने के दौरान ध्यान रखने वाली सावधानियां
तरबूज का सेवन करने से पहले कुछ सावधनियों को भी ध्यान मे रखना होता है। जो निम्न लिखित है-
- ताजा कटा हुआ तरबूज ही खाने के लिए इस्तेमाल करे। क्योंकि पहले से कटा हुआ तरबूज जल्दी खराब हो सकता है। और खराब तरबूज खाने से आपकी तबियत खरंब हो सकती है ।
- तरबूज को काटने से पहले तरबूज और अपने हाथों को अच्छे से धोए और काटने के लिए उपयोग मे लाए जाने वाले चाकू और फ्लैट को भी आधे धोंना चाहिए।
- अंदर से पके हुये और लाल तरबूज का ही सेवन करे।
- गर्भवस्था मे संतुलित मात्रा मे ही तरबूज का सेवन करना चाहिए।
और पड़े गर्भावस्था के दौरान प्रकट होने वाले लक्षण