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]]>आज हम बात करेंगे की बच्चों मे लगने वाली बुरी आदतों को कैसे छुड़ाया जाए। जिससे बच्चे मे अच्छे विचार और अच्छे संस्कारों का विकास हो सके तो चलिए जानते है, की बच्चों की बुरी आदतें को छुड़ाने के लिए टिप्स के बारे मे-
बहुत से बच्चों मे अंगूठा चूसने की बुरी आदत लग जाती है। कई बच्चे तो सोते वक्त अंगूठा चूसते है, तो कई बच्चे खेलते वक्त अंगूठा चूसते रहे है। लेकिन समय के साथ साथ अंगूठा चूसने की आदत छूट जाती है। लेकिन कुछ बच्चों मे ये आदत लंबे समय तक रहती है। और जब बच्चे के दांत मसूड़ों से बाहर निकलने लगते है। इससे पहले ये आदत नहीं छुडाई गई तो बच्चों मे गंभीर समस्या का कारण बन सकती है। जब बच्चों के दांत आने लगे तब बच्चा अंगूठा चूसने की आदत के कारण बच्चे के दांत टेड़े मेडे हो सकते है। इसले अलावा बच्चों के दांत मुह के बाहर की निकल सकते है। या फिर बच्चे के दांत अंदर की तरफ मूड सकते है। बच्चों के अंगूठा चूसते रहने से बच्चे के अंगूठे का विकास भी धीमा पड़ सकता है। तो आइए जानते है, बच्चों मे अंगूठा छुड़ाने के कुछ टिप्स के बारे मे-
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कई बच्चों की नाक मे उंगली डालने की अदात होती है। और ये आदत सामान्य होती है। अक्सर बच्चों को सर्दी जुखाम के कारण नाक मे बनने वाला म्यूकस, और धूल के कारण नाक मे बच्चों को इर्रिटेशन हो सकती है। इसके कारण बच्चे नाक मे उंगली डालते रहते है। और उनको नाक मे उंगली डालने की लत लग जाती है। और जब बच्चे बोर होने लगते है तो नाक मे उंगली डालते रहते है। और उनको नाक मे उंगली डालने की आदत लग जाती है। इस आदत के कारण बच्चों को नाक मे इन्फेक्शन का खतरा भी रहता है। और उंगलियों मे नाखून होने के करना नाक मे चोट भी लग सकती है, नाक से खून भी निकल सकता है। इसलिए बच्चों की इस आदत को समय के साथ छुड़ा दिया जाना चाहिए। तो चलिए जानते है, बच्चों के नाक मे उंगली डालने की छुड़ाने वाली कुछ टिप्स के बारे मे-
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नाखून चबाने की बुरी आदत बच्चों मे ही नहीं बल्कि ये आदत बड़ो मे भी होती है। बच्चों मे समय रहते यह आदत छुड़ा देनी चाहिए। बच्चों के बड़े होने पर ये आदत छुड़ाना थोड़ा मुस्किल हो सकता है। और नाखून चबाने की ये आदत बच्चों के बड़े होने के साथ कम हो सकती है। बच्चों की नाखून चबाने के पीछे क्या कारण है। इसके बारे मे कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकीन एक शोध के द्वारा पता लगाया गया है, की बच्चों मे नाखून चबाने का कारण तनाव हो सकता है। बच्चे तनाव मे आने के कारण नाखून चबाना सिख जाते है। और उनको ये आदत लग जाती है। तो आइए जानते है, की बच्चों मे नाखून चबाने की इस आदत को कैसे छुड़ाया जाए-
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कई बच्चों को झूठ बोलने की आदत लग जाती है। और उनको झूठ बोलने मजा आता है। कई बार बच्चे अपने बचाव मे झूठ बोलते है। होमवर्क नहीं करने पर टीचर्स को झूठ बोलते है। एग्जाम मे मार्क्स कम आने पर पेरेंट्स से झूठ बोलते है। और पेरेंट्स इसको नजरअंदाज का देते है। येसे ही बच्चे को धीरे धीरे झूठ बोलने की आदत लग जाती है। इसलिए समय रहते बच्चों की इस आदत को सुधार देना चाहिए। बच्चों की झूठ बोलने की आदत इतनी आसानी से नहीं छूटती है। लेकीन धीरे धीरे ये आदत सुधार सकती है। तो आइए जानते है। बच्चों को झूठ बोलने की आदत को कैसे सुधारे।
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अक्सर आपने देखा होगा की बच्चे कई बार गलत शब्दों का इस्तेमाल करे है। और ये शब्द बाहर खेलने जाते है। दूसरे बच्चों से मिलते है। ये दूसरों से सुनते है। और वो भी गलत शब्द बोलना सिख जाते है। बच्चों की ये गलत भाषा का प्रयोग करेन की आदत को जल्दी ही सुधार देना चाहिए। क्योंकि जब बच्चे बड़े हो जाते है, तब ये आदत को छुड़ाना मुस्किल हो जाता है। तो आइए जानते है। बच्चों की ये गलत भाषा का प्रयोग करने की आदत को कैसे छुड़ाए-
आसा करता हूँ, की हमारी इस पोस्ट “ बच्चों की बुरी आदतें को छुड़ाने के लिए टिप्स ’’ से जानकारी मिली होगी। आप जान चुके होंगे की बच्चों की गलत आदतों को कैसे छुड़ाए। और उम्मीद है, की आपको ये जानकारी पसंद आई होगी। अगर आपको पोस्ट अच्छी लगी है। तो अपने दोस्तों को भी शेयर करे। और येसी ही जानकारी के लिए हमारे साथ Kumar Medical Care से जुड़े रहे। और अगर आपको कोई सावल है, तो नीचे कॉमेंट मे जरूर से लिखे।
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]]>The post MIS-C क्या है? कोरोना के बीच बच्चों मे MIS-C नाम की बीमारी हो रही है। appeared first on Kumar Medical Care.
]]>इस कोरोना के बीच बच्चों पर MIS-C का खतरा मंडरा रहा है। MIS-C मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम है, जिसमे शरीर के विभिन्न अंगों मे सूजन आ जाती है। यह बीमार अभी बच्चों को हो रही है। जिसमे फेफडे, मस्तिष्क, आंखे, त्वचा, आंतें, किडनी आदि भी प्रभावित होते है। और ये बीमारी उन बच्चों मे अधिक देखने को मिल रही है। जो पहले कोरोना से संक्रमित हुए है। या फिर जिन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मे कमी है।
MIS-C मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम जो, एक एसी स्थिति है। जिसमे पेसेन्ट को शरीर मे विभिन्न अंगों मे सूजन आ जाती है। ये सूजन दिल को अधिक प्रभावित करती है। और इसके अलावा शरीर के अन्य अंग जिसमे फेफडे, मस्तिष्क, आंखे, त्वचा, आंतें, किडनी आदि भी प्रभावित होते है। इनके अलावा पेसेन्ट को बुखार, पेट दर्द, उल्टी, दस्त आँखे लाल हो जाना, पैरों की त्वचा में सूजन आना आदि लक्षण दिखाई देते है।
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मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम के कारणों की बात करे, तो इस बारे मे पूरी तरह पता है, की मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोम किस कारण होता है। इस पर जाच चल रही है। कुछ शोधकर्ताओं का कहना है, की कोरोना वाइरस के कारण शरीर की रोग प्रतिरोशक क्षमता मे कमी हो जाने के कारण मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम होता है।
अगर हम मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम के लक्षणों की बात करे तो जिनमे निम्न लिखित लक्षण दिखाई देते है-
अगर हम MIS-C मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम से बचने के उपायो की बात करे तो कुछ उपाय निम्न लिखित है।
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