Child Health Care – Kumar Medical Care https://kumarmedicalcare.com Home of the best ideas for Healthy Life. Wed, 16 Jun 2021 12:44:30 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=5.7.2 https://i0.wp.com/kumarmedicalcare.com/wp-content/uploads/2021/05/cropped-PicsArt_05-05-08.55.58-1-e1620299205229.png?fit=32%2C32&ssl=1 Child Health Care – Kumar Medical Care https://kumarmedicalcare.com 32 32 191125729 बच्चों की बुरी आदतें को छुड़ाने के लिए टिप्स | how to rid bad habits in kids https://kumarmedicalcare.com/how-to-rid-bad-habits-in-kids/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=how-to-rid-bad-habits-in-kids https://kumarmedicalcare.com/how-to-rid-bad-habits-in-kids/#respond Wed, 16 Jun 2021 12:42:25 +0000 https://kumarmedicalcare.com/?p=674 बच्चे मासूम और ना समझ होते है। हमे उनकी अच्छे से केयर करनी होती है। बच्चे एक छोटे पौधे के समान होते है। जैसे पौधे ...

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बच्चे मासूम और ना समझ होते है। हमे उनकी अच्छे से केयर करनी होती है। बच्चे एक छोटे पौधे के समान होते है। जैसे पौधे को खाद, पानी, हवा, प्रकाश की जरूरत होती है, एक पेड़ बनने के लिए। वैसे ही बच्चों को हमे भी अच्छे विचार और अच्छे संस्कार से सींचकर एक अच्छा इंसान बनाना होता है। बच्चे जब छोटे होते है, तब अगर उन्मे कोई बुरी अदात लग जाती है। तो पूरी उम्र वो उद बुरी आदत या उनके बुरे व्यवहार से पहचाने जाते है। इसलिए हमे बच्चों का पूरी तरह ख्याल रखना चाहिए और उनके अंदर अच्छे विकार विकसित करने चाहिए और बुरी आदतों को छुड़ाने के प्रयास करते रहना चाहिए। इसलिए हम Kumar Medical Care के इस आर्टिकल मे हम आपको बच्चों की बुरी आदतें को छुड़ाने के लिए टिप्स के बारे मे बताया रहे है। नीचे लिखे गए है।

बच्चों में लगने वाली बुरी आड़ते । बच्चों में लगने वाली बुरी आड़तो को कैसे छुड़ाए

आज हम बात करेंगे की बच्चों मे लगने वाली बुरी आदतों को कैसे छुड़ाया जाए। जिससे बच्चे मे अच्छे विचार और अच्छे संस्कारों का विकास हो सके तो चलिए जानते है, की बच्चों की बुरी आदतें को छुड़ाने के लिए टिप्स के बारे मे-

बच्चों का अंगूठा चूसना

बहुत से बच्चों मे अंगूठा चूसने की बुरी आदत लग जाती है। कई बच्चे तो सोते वक्त अंगूठा चूसते है, तो कई बच्चे खेलते वक्त अंगूठा चूसते रहे है। लेकिन समय के साथ साथ अंगूठा चूसने की आदत छूट जाती है। लेकिन कुछ बच्चों मे ये आदत लंबे समय तक रहती है। और जब बच्चे के दांत मसूड़ों से बाहर निकलने लगते है। इससे पहले ये आदत नहीं छुडाई गई तो बच्चों मे गंभीर समस्या का कारण बन सकती है। जब बच्चों के दांत आने लगे तब बच्चा अंगूठा चूसने की आदत के कारण बच्चे के दांत टेड़े मेडे हो सकते है। इसले अलावा बच्चों के दांत मुह के बाहर की निकल सकते है। या फिर बच्चे के दांत अंदर की तरफ मूड सकते है। बच्चों के अंगूठा चूसते रहने से बच्चे के अंगूठे का विकास भी धीमा पड़ सकता है। तो आइए जानते है, बच्चों मे अंगूठा छुड़ाने के कुछ टिप्स के बारे मे-

बच्चों के अंगूठा चूसने की बुरी आदत को छुड़ाने के टिप्स:

  • आप अपने बच्चे को समझाए की इस तरह अंगूठा चूसना बुरी आदत है। अगर बच्चा समझे योग्य है, तो।
  • अंगूठा चूसने के नुकसान के बारे मे समझाए।
  • बच्चों को अंगूठा चूसना छुड़ाने के लिए गिफ्ट देने को कहे।
  • बच्चों मे अगुठा चूसने की आदत इतनी जल्दी नहीं छूटती है। उन्हे समझते रहे, और जब बच्चा अंगूठा चूसता दिखाई दे उसे इसके नुकसान के बारे मे बताते रहे।
  • बच्चों को प्यार से समझाए। बच्चों को डांटे नहीं।
  • अगर बच्चे के मन मे किसी प्रकार का डर या स्ट्रेस है, हो सकता है बच्चा स्ट्रेस के कारण अंगूठा चूस रहा हो, तो उसे प्यार से समझाए।

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नाक में उंगली करना

कई बच्चों की नाक मे उंगली डालने की अदात होती है। और ये आदत सामान्य होती है। अक्सर बच्चों को सर्दी जुखाम के कारण नाक मे बनने वाला म्यूकस, और धूल के कारण नाक मे बच्चों को इर्रिटेशन हो सकती है। इसके कारण बच्चे नाक मे उंगली डालते रहते है। और उनको नाक मे उंगली डालने की लत लग जाती है। और जब बच्चे बोर होने लगते है तो नाक मे उंगली डालते रहते है। और उनको नाक मे उंगली डालने की आदत लग जाती है। इस आदत के कारण बच्चों को नाक मे इन्फेक्शन का खतरा भी रहता है। और उंगलियों मे नाखून होने के करना नाक मे चोट भी लग सकती है, नाक से खून भी निकल सकता है। इसलिए बच्चों की इस आदत को समय के साथ छुड़ा दिया जाना चाहिए। तो चलिए जानते है, बच्चों के नाक मे उंगली डालने की छुड़ाने वाली कुछ टिप्स के बारे मे-

बच्चों का नाक में उंगली करने की बुरी आदत को को छुड़ाने के टिप्स:

  • बच्चों को प्यार से समझाए की नाक मे उंगली डालना अच्छी बात नहीं है।
  • जब भी बच्चों को नाक मे इरिटेशन हो तब उन्हे नैपकिन पकड़ा दे।
  • बच्चों के नाखून काट दिया करे, ताकि बच्चे को किसी प्रकार का इन्फेक्शन न हो सकते, नाखून के करना बच्चे को नाक मे चोट भी लग सकती है।
  • बच्चे को डांटे नहीं बल्कि प्यार से इस लत को छोड़ने के लिए कहे।
  • जब आप बच्चे को नाक मे उंगली डालते हुए देखे तो बच्चे को अपने हाँथ धोने के लिए कहे।
  • बच्चे को नाक मे उँगले डालने के नुकसानों के बारे मे समझाए।
  • जब भी बच्चा नाक मे उंगली डाले तो उसे नुकसानों के बारे मे बताते रहे है।

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बच्चों का नाखून चबाना

नाखून चबाने की बुरी आदत बच्चों मे ही नहीं बल्कि ये आदत बड़ो मे भी होती है। बच्चों मे समय रहते यह आदत छुड़ा देनी चाहिए। बच्चों के बड़े होने पर ये आदत छुड़ाना थोड़ा मुस्किल हो सकता है। और नाखून चबाने की ये आदत बच्चों के बड़े होने के साथ कम हो सकती है। बच्चों की नाखून चबाने के पीछे क्या कारण है। इसके बारे मे कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकीन एक शोध के द्वारा पता लगाया गया है, की बच्चों मे नाखून चबाने का कारण तनाव हो सकता है। बच्चे तनाव मे आने के कारण नाखून चबाना सिख जाते है। और उनको ये आदत लग जाती है। तो आइए जानते है, की बच्चों मे नाखून चबाने की इस आदत को कैसे छुड़ाया जाए-

बच्चों को नाखून चबाने से रोकने के टिप्स:

  • जैसे की पहले बताया की बच्चे तनाव मे आने के कारण नाखून चबाने की आदत लग जाती है। इसलिए बच्चे किस कारण से तनाव मे है। ये जानने की कोशिश करे। और उसे समझाए।
  • बच्चे को नाखून चबाने की आदत के नुकसान के बारे बताए।
  • बच्चों के नाखून समय अनुसार काटते रहे।
  • बच्चों को नाखून चबाने से छोड़ने के लिए समझते रहे। और उसे गिफ्ट देने का वादा करे।
  • बच्चों को किसी न किसी काम मे व्यस्त रखे जैसे- पेंटिंग, ड्रॉइंग, पेपरक्राफ्ट, आदि

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झूठ बोलने की आदत

कई बच्चों को झूठ बोलने की आदत लग जाती है। और उनको झूठ बोलने मजा आता है। कई बार बच्चे अपने बचाव मे झूठ बोलते है। होमवर्क नहीं करने पर टीचर्स को झूठ बोलते है। एग्जाम मे मार्क्स कम आने पर पेरेंट्स से झूठ बोलते है। और पेरेंट्स इसको नजरअंदाज का देते है। येसे ही बच्चे को धीरे धीरे झूठ बोलने की आदत लग जाती है। इसलिए समय रहते बच्चों की इस आदत को सुधार देना चाहिए। बच्चों की झूठ बोलने की आदत इतनी आसानी से नहीं छूटती है। लेकीन धीरे धीरे ये आदत सुधार सकती है। तो आइए जानते है। बच्चों को झूठ बोलने की आदत को कैसे सुधारे।

बच्चे के झूठ बोलने की आदत सुधारने के टिप्स:

  • बच्चे को प्यार से समझाए और बच्चे के झूठ बोलने का कारण पता करे।
  • बच्चे को समझाए की झूठ बोलना एक बुरी आदत है। और इसे छोड़ने को कहे।
  • अगर बच्चा किसी प्रकार के डर के कारण झूठ बोल रहा है, तो उसे समझाए। और प्रेरणा दे।
  • बच्चा अगर झूठ बोल रहा है, तो उसे झूठ बोलमने के नुकसान के बारे मे बताए।
  • अगर बच्चा किसी काम से बचने के लिए झूठ बोल रहा है तो उसे सजा दे, लेकीन उसे कड़ी सजा नहीं देना है।

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गलत भाषा का इस्तेमाल

अक्सर आपने देखा होगा की बच्चे कई बार गलत शब्दों का इस्तेमाल करे है। और ये शब्द बाहर खेलने जाते है। दूसरे बच्चों से मिलते है। ये दूसरों से सुनते है। और वो भी गलत शब्द बोलना सिख जाते है। बच्चों की ये गलत भाषा का प्रयोग करेन की आदत को जल्दी ही सुधार देना चाहिए। क्योंकि जब बच्चे बड़े हो जाते है, तब ये आदत को छुड़ाना मुस्किल हो जाता है। तो आइए जानते है। बच्चों की ये गलत भाषा का प्रयोग करने की आदत को कैसे छुड़ाए-

बच्चे को गंदी भाषा का इस्तेमाल करने से रोकने के टिप्स:

  • बच्चे को प्यार से समझाए।
  • बच्चा अगर समझदार है, तो गलत शब्दों के बारे समझाए। और उन्हे बताए की येसा बोलना गलत है।
  • बच्चे के सामने किसी भी अपशब्द का उपयोग न करे।
  • बच्चों को येसी जगह पर न ले जाए जहां गलत शब्दों का उयोग किया जाता है।
  • अगर बच्चे गलत शब्द बोल रहे है, तो उनसे पूछे की ये शब्द कहा से सीखा, और उन्हे वहा नहीं जाने दे।

आसा करता हूँ, की हमारी इस पोस्ट “ बच्चों की बुरी आदतें को छुड़ाने के लिए टिप्स ’’ से जानकारी मिली होगी। आप जान चुके होंगे की बच्चों की गलत आदतों को कैसे छुड़ाए। और उम्मीद है, की आपको ये जानकारी पसंद आई होगी। अगर आपको पोस्ट अच्छी लगी है। तो अपने दोस्तों को भी शेयर करे। और येसी ही जानकारी के लिए हमारे साथ Kumar Medical Care से जुड़े रहे। और अगर आपको कोई सावल है, तो नीचे कॉमेंट मे जरूर से लिखे।

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MIS-C क्या है? कोरोना के बीच बच्चों मे MIS-C नाम की बीमारी हो रही है। https://kumarmedicalcare.com/mis-c/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=mis-c https://kumarmedicalcare.com/mis-c/#respond Wed, 02 Jun 2021 13:28:29 +0000 https://kumarmedicalcare.com/?p=589 आज हम जानेंगे एमआइएस-सी (MIS-C) के बारे जो प्रकार की इंफलमेंट्री डिसिज है, जिसका पूरा नाम मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम (Multisystem inflammatory syndrome) है। जिसमें शरीर ...

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आज हम जानेंगे एमआइएस-सी (MIS-C) के बारे जो प्रकार की इंफलमेंट्री डिसिज है, जिसका पूरा नाम मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम (Multisystem inflammatory syndrome) है। जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन आ जाती है।। हम जानेगे एमआइएस-सी (MIS-C)  के क्या कारण होते है? एमआइएस-सी (MIS-C) होने पर क्या लक्षण दिखाई देते है?  एमआइएस-सी (MIS-C) के बचाव क्या है? इस इंफलमेंट्री डिसिज के उपचार क्या होता है?ये सारे प्रश्नों के बारे मे इस ब्लॉग मे जानेगे जो, नीचे अलग-अलग सेक्शन मे लिखा गया है।

इस कोरोना के बीच बच्चों पर MIS-C का खतरा मंडरा रहा है। MIS-C मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम है, जिसमे शरीर के विभिन्न अंगों मे सूजन आ जाती है। यह बीमार अभी बच्चों को हो रही है। जिसमे फेफडे, मस्तिष्क, आंखे, त्वचा, आंतें, किडनी आदि भी प्रभावित होते है। और ये बीमारी उन बच्चों मे अधिक देखने को मिल रही है। जो पहले कोरोना से संक्रमित हुए है। या फिर जिन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मे कमी है

एमआइएस-सी MIS-C क्या है?

MIS-C मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम जो, एक एसी स्थिति है। जिसमे पेसेन्ट को शरीर मे विभिन्न अंगों मे सूजन आ जाती है। ये सूजन दिल को अधिक प्रभावित करती है। और इसके अलावा शरीर के अन्य अंग जिसमे फेफडे, मस्तिष्क, आंखे, त्वचा, आंतें, किडनी आदि भी प्रभावित होते है। इनके अलावा पेसेन्ट को बुखार, पेट दर्द, उल्टी, दस्त आँखे लाल हो जाना, पैरों की त्वचा में सूजन आना आदि लक्षण दिखाई देते है।

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किन बच्चों को होता है खतरा?

  • पहले कोरोना संक्रमित हो चुके बच्चों को MIS-C हो सकता है। इसलिए जिन बच्चों को पहले कोरोना हुआ था और अभी पूरी तरह स्वस्थ है, उनका विशेष ध्यान रखे।
  • जिन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मे कमी है, उन बच्चों को हो सकता है।

MIS-C मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम के कारण । Causes of Multisystem inflammatory syndrome In Hindi:-

मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम के कारणों की बात करे, तो इस बारे मे पूरी तरह पता है, की मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोम किस कारण होता है। इस पर जाच चल रही है। कुछ शोधकर्ताओं का कहना है, की कोरोना वाइरस के कारण शरीर की रोग प्रतिरोशक क्षमता मे कमी हो जाने  के कारण मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम होता है।

MIS-C मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम के लक्षण । Symptoms of Multisystem inflammatory syndrome In Hindi:-

अगर हम मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम के लक्षणों की बात करे तो जिनमे निम्न लिखित लक्षण दिखाई देते है-

  • पेसेन्ट को तेज बुखार आना
  • पेसेन्ट की दिल की धड़कन तेज हो जाती है।
  • पेसेन्ट को पेट मे दर्द होना।
  • पेसेन्ट को उलटी हो
  • पेसेन्ट को दस्त लग जाना। [ और पड़े दस्त के बारे मे ]
  • पेसेन्ट को थकान महसूस होना।
  • पेसेन्ट की आँखे और जबान मे लाल हो जाती है।
  • पेसेन्ट को हाँथ पेरो और स्किन पे सूजन आ जाती है। [और पड़े स्किन डिसिज सोरायसिस के बारे मे ]
  • पेसेन्ट को स्किन मे चकते बन जाते है।
  • पेसेन्ट को सांस लेने मे तकलीफ होना।
  • पेसेन्ट को गर्दन मे दर्द होना।
  • पेसेन्ट के हॉटओ और नाखूनों का रंग पीला पड़ जाता है।

MIS-C मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम से बचने के लिए उपाय । Prevention of Multisystem inflammatory syndrome in Hindi:-

अगर हम MIS-C मल्टीसिस्टम इंफेलेमेटरी सिड्रोंम से बचने के उपायो की बात करे तो कुछ उपाय निम्न लिखित है।  

  • बच्चों को कोरोना होने से बचाएं।
  • घर से बाहर निकलने पर उन्हें मास्क लगा के बाहर जाए।
  • शरीरिक दूरी बनाए रखे को कहे।
  • बच्चों को नियमित रूप से हाथ धोने को कहे।
  • भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें
  • बच्चों को पार्टियों, समारोहों या शादियों से दूर ही रखें।

और पड़े प्रोस्टेटाईटिस की सम्पूर्ण जानकरी 

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