Skin diseases – Kumar Medical Care https://kumarmedicalcare.com Home of the best ideas for Healthy Life. Sun, 13 Jun 2021 03:37:20 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=5.7.2 https://i0.wp.com/kumarmedicalcare.com/wp-content/uploads/2021/05/cropped-PicsArt_05-05-08.55.58-1-e1620299205229.png?fit=32%2C32&ssl=1 Skin diseases – Kumar Medical Care https://kumarmedicalcare.com 32 32 191125729 एक्जिमा की पूरी जानकारी । Eczema Full Information in Hindi https://kumarmedicalcare.com/eczema-full-information-in-hindi/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=eczema-full-information-in-hindi https://kumarmedicalcare.com/eczema-full-information-in-hindi/#respond Mon, 17 May 2021 12:02:16 +0000 https://kumarmedicalcare.com/?p=478 आज हम जानेंगे एक्जिमा के बारे जो एक स्किन की बीमारी है। जिसमे पेसेन्ट को एलर्जी और खुजली होती है। हम जानेगे एक्जिमा कितने प्रकार ...

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आज हम जानेंगे एक्जिमा के बारे जो एक स्किन की बीमारी है। जिसमे पेसेन्ट को एलर्जी और खुजली होती है। हम जानेगे एक्जिमा कितने प्रकार का होता है। एक्जिमा के क्या कारण होते है? एक्जिमा होने पर क्या लक्षण दिखाई देते है? एक्जिमा के बचाव क्या है? इस ब्लॉग Eczema Full Information in Hindi मे हम इन सभी पॉइंट के बारे मे जानेगे जो नीचे अलग अलग सेक्शन मे लिखा गया है।

आप अक्सर खुजली से परेसान रहते होंगे। और कभी कभी अत्यधिक बड़ जाती है। जिसका करना एक्जिमा हो सकता है। जिसमे व्यक्ति को खुजली चलती है। और स्किन लाल, सुखी और पपड़ीदार हो जाती है।

एक्जिमा एक स्किन मे होन वाला रोग है। जिसमे पेसेन्ट को एलर्जी और खुजली होने लगती है। जिस कारण त्वचा लाल, सुखी, प्लेगयुक्त हो जाती है। जिसका समय पर इलाज न मिलने पर त्वचा सुखी और पपड़ी युक्त हो जाती है। और खुजालने पर उसमे से खून भी निकालने लगता है। और घाव बन जाते है। एक्जिमा एक एसी बीमारी है जिसका इलाज लंबे समय तक चलता है।

एक्जिमा के प्रकार (Types of Eczema):-

  • एटॉपिक डर्मेटाइटिस (Atopicdermatitis)
  • डिशिड्रोटिक एक्जिमा (Dyshidroticeczema)
  • न्यूरोडर्मेटाइटिस (Neurodermatitis)
  • न्यूमुलर एक्जिमा (Nummulareczema)
  • कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस (Contactdermatitis)

एक्जिमा के कारण (Causes of Eczema or Itching)

अगर हम एक्जिमा के कारणों की बात करे, तो एक्जिमा किस कारण होता है। इसका अभी कोई सही कारण नहीं है। लेकिन कुछ निम्न कारणों से एक्जिमा रोग होता हैः-

  1. बैक्टीरियल संक्रमण:- बैक्टीरियल संक्रमण के कारण व्यक्ति को एक्जिमा हो सकता है। जिसमे स्टेफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus) नाम का बैक्टीरिया शरीर मे एक्जिमा उत्पन्न करने का कारण बनता है। जो स्किन को धीरे धीरे खाने लगता है, जिससे स्किन पे खुजली चलने लगती है।
  2. अनुवांशिक कारण:- आनुवंशिकता के कारण भी व्यक्ति को एक्जिमा हो सकता है। जिसमे अगर माता पिता को अगर एसी समस्या होती रहती है, तो उनकी संतान को भी आनुवंशिकता के कारण हो सकती है। जिससे संतान भी इस बीमारी से प्रभावित हो सकती है।
  3. मौसम में परिवर्तन :- मौसम के परिवर्तन होने से भी व्यक्ति को एक्जिमा हो सकता है।
  4. रोग-प्रतिरोगधक क्षमता का कमजोर होना:- हमारे शरीर मे रोग-प्रतिरोग क्षमता का मजबूत होना अनिवार्य होता है। अगर रोग-प्रतिरोगधक क्षमता कमजोर होने से अनैक तरह के रोग हो सकते है। और एक्जिमा भी रोग-प्रतिरोगधक क्षमता के कमजोर होने से होता है।
  5. एलर्जी से ग्रस्त होना:- अगर किसी पेसेन्ट को किसी चीज से एलर्जी होती है। जिसमे व्यक्ति को अचानक शरीर मे खुजली चलने लगती है, इस कारण व्यक्ति को एक्जिमा हो सकता है।
  6. त्वचा में नमी की कमी से:- त्वचा में नमी की कमी के कारण भी एक्जिमा हो सकता है। क्योंकि त्वचा में नमी न होने से त्वचा रूखी सुखी हो जाती है। जिस कारण त्वचा पर खुजली चलना, त्वचा पर जलन होना आदि हो सकता है।
  7. अधिक मात्रा में तनाव लेना:- अत्यधिक तनाव मे रहने वाले व्यक्तियों को एक्जिमा होने की संभावना अधिक होती है। अतः हमे तनाव मे नहीं रहना चाहिए। क्योंकि तनाव मे रहने से अनैक रोग होने की संभावना होती है।
  8. पौष्टिक भोजन न करना:- एक्जिमा उन व्यक्तियों मे ज्यादा देखा गया है, जो पौष्टिक भोजन नहीं लेते है। अतः स्वस्थ रहने के लिए हमे हमेशा पौष्टिक भोजन करना करना चाहिए।
  9. जानवरों की रूसी:- जानवरों की रूसी के कारण भी एक्जिमा हो सकता है। चाहे जानवर आपके घर मे पालतू ही क्यों न हो।
  10. अस्थमा का होना:- जिन व्यक्तियों को अस्थमा होता है, उन व्यक्तियों मे ज्यादातर एक्जिमा देखा गया है। अगर कोई पेसेन्ट अस्थमा से पीड़ित है, वो अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे और अपने डाक्टर से सलाह लेते रहे है।
  11. साबुन या डिटर्जन्ट:- साबुन या डिटर्जन्ट के कारण भी एक्जिमा हो सकता है। साबुन या डिटर्जन्ट के करना त्वचा सूष्क हो जाती है।
  12. आभूषण पहनना:- निकेल या कॉपर जैसी धातुओं के आभूषण पहनने से भी एक्जिम हो सकता है।
  13. महिलाओं में हार्मोन:- महिलाओं में हार्मोन परिवर्तन के कारण भी एक्जिमा हो सकता है।
  14. मासिक धर्म:- महिलाओ मे मासिक धर्म के कारण एक्जिमा होने की संभावना होती है।

[ और पड़े स्किन डिसिज सोरायसिस के बारे मे ]

एक्जिमा के लक्षण (Symptoms of Eczema or Itching):-

अगर हम एक्जिमा के लक्षणों की बात करे तो अगल अगल व्यक्तियों मे भिन्न भिन्न हो सकते है। जिनमे ये एक्जिमा के लक्षण हो सकते हैंः-

  • त्वचा पर बहुत खुजली होना।
  • खुजली के कारण त्वचा से खून निकालना।
  • त्वचा पर बहुत ज्यादा जलन होना।
  • त्वचा पर खुजली के करना लाल चकत्ते बन जाते है।
  • त्वचा पर पपड़ी जमने लगती है।
  • त्वचा पर छोटी-छोटी फुंसिया उभर जाना।
  • पेसेन्ट को चिचिड़पन रहना।
  • पेसेन्ट का डिप्रेसन मे रहना।
  • तेज खुजली के करना त्वचा पर दरारे बन जाती है।
  • पेसेन्ट को खुजली के करना नींद न आने की परेसानी हो सकती है।
  • पलकों पर खुजली चलना और लाल हो जाना।
  • एक्जिमा के साथ साथ दाद, फंगल इन्फेक्शन हो सकता है।
  • त्वचा सुखी सुखी दिखने लगती है।
  • घावों मे पस पड़ने लगती है।
  • शरीर के कई हिस्सों मे सूजन आ जाना।

[और पड़े स्किन डिसीज सोल्ड सोर्स के बारे मे ]

एक्जिमा का निदान । Eczema Diagnosis in Hindi:-

Physical examination (शारीरिक जांच):-

मरीज के शरीर मे सोरायसिस हुआ है, उसकी जांच करेंगे जिसमे निम्न बिन्दुओ पर बात करेंगे-

  • स्किन का रंग कैसा है, चेक करंगे।
  • स्किन सुखी है या नम है, ये चेक करेंगे।
  • स्किन की से पपड़ी तो नहीं निकल रही है।

Blood test (रक्त जांच):- मरीज का ब्लड टेस्ट कराएंगे।

Serum test (सीरम की जांच):– मरीज का सीरम टेस्ट कराएंगे।

और पड़े प्रोस्टेटाईटिस की सम्पूर्ण जानकरी 

एक्जिमा के रोकथाम के उपाय । Prevention of Eczema:-

  1. धूप में ज्यादा देर तक बाहर नहीं रहना चाहिए। इससे एक्जिमा होने की संभावना होती है। अतः अधिक देर तक धूप मे न बाहर घूमे।
  2. तनावपूर्ण जीवन नहीं व्यतीत करना चाहिए। जो व्यक्ति तनाव मे रहता है, उसे एक्जिम होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए अपने जीवन मे तनाव मे न रहे।
  3. एक्जिमा उन लोगों को ज्यादातर होता है, जो लोग समय पर भोजन नहीं करते है। अधिक देर तक भूखे रहते है। इसलिए भोजन नियमित रूप से समय पर करे। और पौष्टिक भोजन करे।
  4. आरामदायक कपड़े पहनना चाहिए। तंग कपड़ों से स्किन पे रेसेस हो सकते है। त्वचा लाल हो सकती है। जिससे एक्जिमा होने की संभावना होती है। इसलिए आरामदायक कपड़े पहने।
  5. त्वचा को ज्यादा खरोचे नहीं।
  6. अत्यधिक गरम पानी से नहीं नहाए। यैसा करने से एक्जिमा होने की संभावना हो सकती है।
  7. तापमान में होने वाले अचानक बदलावों से बचना चाहिए।
  8. आवश्यकता अनुसार बराबर मात्रा मे रोजाना पानी पिए।
  9. तेज़ गंध वाले पदार्थों से परहेज करना चाहिए।

और पड़े Black Fungal Infection information in Hindi

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Psoriasis information in Hindi । सोरायसिस पूरी की जानकारी https://kumarmedicalcare.com/psoriasis-information-in-hindi/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=psoriasis-information-in-hindi https://kumarmedicalcare.com/psoriasis-information-in-hindi/#respond Sun, 11 Apr 2021 14:45:23 +0000 https://kumarmedicalcare.com/?p=266 आज कल की भाग दोड़ वाली लाइफ मे कुछ न कुछ बीमारियों का सामना करना ही पड़ता है। जिसमे अपने आप को उन बीमारियों से ...

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आज कल की भाग दोड़ वाली लाइफ मे कुछ न कुछ बीमारियों का सामना करना ही पड़ता है। जिसमे अपने आप को उन बीमारियों से बचना पड़ता है। आज हम जानेंगे सोरायसिस बीमारी के बारे मे जिसमे हम जानेगे सोरायसिस की सम्पूर्ण जानकारी के बारे जिसमे सोरायसिस क्या है, सोरायसिस कितने प्रकार का होता है, सोरायसिस किस कारण होता है, सोरायसिस के क्या लक्षण होते है। इसके निदान क्या होते है और इस बीमारी मे हमे क्या बचाव करना होता है और इस सोरायसिस का क्या उपचार दिया जाता है। ये सारे पॉइंट्स  इस ब्लॉग Psoriasis information in Hindi मे जानेंगे जो अलग अलग सेक्शन मे लिया गया है।

Psoriasis Introduction in Hindi । सोरायसिस क्या हैं?

सोरायसीस एक स्किन से संबंधित बीमारी है, जो शरीर मे रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी होने कारण होती है। इस बीमारी मे स्किन के ऊपर लाल धब्बे बन जाते है और कुछ दिनों के बाद उन धब्बों से स्किन की पपड़ी निकालने लगती है। और उस स्किन पर मरीज को खुजली चलने लगती है। खुजली के कारण स्किन की पपड़ी छोटे छोटे टुकड़ों मे निकने लगती है। यह बीमारी घुटने, कोहनी, खोपड़ी, और धड़ मे अधिक देखने को मिलती है। सोरायसिस एक येसी बीमारी है, जिसका कोई इलाज उपलब्ध नहीं है।

Psoriasis definition in Hindi । सोरायसिस की परिभाषा :-  

सोरायसिस एक त्वचा का विकार है, जिसमे व्यक्ति की त्वचा की कोशिकाये 10 गुण तेजी से बड़ने लगती है और स्किन लाल, सुखी, और पपड़ीदार हो जाती है और ये बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति मे नहीं फैलती है। और ये बीमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता की कमी होने से होती है।

Types of Psoriasis in Hindiसोरायसिस के प्रकार :-

  1. प्लाक सोरायसिस: इस प्रकार का सोरायसिस बिल्कुल सामान्य होता है, जिसमे व्यक्ति के शरीर पर लाल चकते पड जाते है।
  2. गुट्टेट सोरायसिस: इस प्रकार के सोरायसिस मे स्किन पे लाल लाल धब्बे बन जाते है और यह धड़ और अंगों पर अधिक होता है।
  3. इनवर्स सोरायसिस: इस प्रकार का सोरायसिस मे लाल लाल चकते बन जाते है। जो सिने पे और बगलों मे अधिक होता है।
  4. पुस्टूलर सोरायसिस: यह एक प्रकार के सोरायसिस मे व्यक्ति को त्वचा पर लाल फूँसियो के समान पपड़ी बन जाती है और यह सोरायसिस हाथ और पेरो के तलवों पर अधिक होता है।
  5. एरिथ्रोडर्मिक सोरायसिस:- इस प्रकार का सोरायसिस गंभीर सन बर्न के जैसा दिखाई देता है। जो पूरे शरीर मे होता है, इस सोरायसिस को जल्दी ही उपचार कराने की आवश्यकता होती है।

Psoriasis Causes in Hindiसोरायसिस के कारण :-

अगर हम सोरायसिस के कारण की बात करे तो, इस बीमारी का कोई सही कारण मोजूद नहीं है, लेकिन कुछ येसे कारक है, जो सोरायसिस होने का कारण बनते है। जिनके कारण यह बीमारी होती है। जो निम्न है-

  • इम्यून सिस्टम (Immune system):- सोरायसिस रोग प्रतिधक क्षमता के काम होने से होता है या रोगप्रतिरोधक क्षमता मे कोई गड़बड़ी होने करना होता है। वेसे तो शरीर की रोगप्रतिरोधक हमारे शरीर मे किसी भी बैक्टीरियल इन्फेक्शन और वायरस के इन्फेक्शन से बचता है। मतलब रोगों से लडने का कार्य करता है। परंतु जब रोगप्रतिरोधक तंत्र मे कोई गड़बड़ी होने के कारण विपरीत प्रभाव डालना सुरू कर देता है जिसके कारण शरीर मे अनैक बीमारिया और विकार उत्पन्न होने लगते है और सोरायसिस भी उनमे से एक है। जिसमे शरीर मे अत्यधिक कोशिकाओ का निर्माण होने लगता है। ये कोशिकाए स्किन की ऊपरी सतह पर जमने लगती है और नास्ट हो जाती है। जिससे स्किन की ऊपरी सतह पर उभरे हुए लाल चकते नजर आते है। उन्हे सोरायसिस कहते है।
  • हार्मोनल चेंजस (Hormonal chenges):- शरीर मे जब भी हार्मोन मे बदलाव आते है, तो आपको सोरायसिस होने की संभावना हो सकती है। जैसे महिलाओ मे पुबेर्टी या मेनोपौसे के दोरान हार्मोन्स मे बदलाव आते है, तो सोरायसिस होने की संभावना हो सकती है। और इसके अलाव गर्भवती महिलाओ सोरायसिस होने की संभावना हो सकती है।
  • मेडिकेशन ( Medication):– कुछ एसी मेडिकिन के साइड इफेक्टस से भी हो सकता है। हम दवाओ का प्रयोग स्वास्थ्य ठीक करने के लिए करते है, लेकिन हर दवा के कुछ न कुछ साइड इफेक्टस होते है।
  • शराब (alcohol):- सोरायसिस शराब पीने वाले लोगों मे होने की संभावना अधिक होती है।
  • धूम्रपान (Smoking):- सोरायसिस धूम्रपान वाले लोगों मे होने की संभावना अधिक होती है।
  • स्किन इनजूरी (skin injury):- अगर किसी पेसेन्ट को स्किन मे इनजूरी है, तो सोरायसिस होने की संभावना होती है।
  • गर्मी और सर्दी का मोसम (Cold and dry weather):- सोरायसिस होने की संभावना cold और dry मोसम मे ज्यादा होती है।
  • तनाव (Stress):- जो लोग ज्यादा stress मे रहते है, उन्मे होने की अधिक संभावना होती है।
  • सूरज की रोशनी (sun light):- अधिक समय तक धूप मे रहने वाले लोग या धूप मे काम करने वाले लोगों मे सोरायसिस होने की संभावना अधिक होती है। वेसे तो थोड़ी सी धूप स्वास्थ्य के लिय लाभदायक होती है धूप से से शरीर को विटामिन डी प्रपात होता है। लेकिन अधिक समय तक धूप मे रहने से स्किन पर प्रभाव पड़ता है। जिस करना सोरायसिस होने की संभावना हो सकती है।
  • एचआईवी: एचआईवी (HIV):-  से पीड़ित मरीजों में सोरायसिस होने का खतरा अधिक होता है.

और पड़े एक्जिमा की पूरी जानकारी

Psoriasis Symptoms in Hindi । सोरायसिस के लक्षण :-

  • पेसेन्ट को स्किन पे लाल गुलाबी चकते बन जाते है।
  • स्किन पे सूजन आ जाती है।
  • स्किन पे जलन होने लगती है।
  • स्किन सुखी सुखी हो जाती है।
  • स्किन से पपड़ी निकालने लगती है।
  • स्किन परतदार दिखने लगती है।
  • दर्द होने लगता है।
  • स्किन पे अधिक खुजली चलती है।
  • ऊपरी त्वचा की कोशिकाए मरने लगती है।
  • स्किन पे दरारे पड़ने लगती है।
  • कभी कभी स्किन से खून भी निकालने लगता है।
  • नाखूनों का रंग बदल सकता है।
  • नाखून उखाड़ने लग जाते है।
  • सिर पर पैच या क्रस्ट बन जाते है।

और पड़े cold sores के बारे मे 

Psoriasis Diagnosis in Hindi । सोरायसिस का निदान :-

Physical examination (शारीरिक जांच):-

मरीज के शरीर मे सोरायसिस हुआ है, उसकी जांच करेंगे जिसमे निम्न बिन्दुओ पर बात करेंगे-

  • स्किन का रंग कैसा है, चेक करंगे।
  • स्किन सुखी है या नम है, ये चेक करेंगे।
  • स्किन की से पपड़ी तो नहीं निकल रही है।
  • मरीज की कोहनीयो को चेक करेंगे।

Blood test (रक्त जांच):- मरीज का ब्लड टेस्ट कराएंगे।

Serum test (सीरम की जांच):- मरीज का सीरम टेस्ट कराएंगे।

 Psoriasis Prevention in Hindi । सोरायसिस के बचाव :-

इस सेक्शन मे हम जानेंगे सोरायसिस से कैसे बचा जाए। सोरायसिस से बचाने के लिए कुछ उपाय है, जो आप अपना सकते है, जो आपको इस बीमारी से बचाएंगे जो निम्न है-

  • अत्यधिक शराब का प्रयोग ना करे।
  • अधिक धूम्रपान ना करे।
  • अधिक स्ट्रेस ना रखे।
  • रोजाना मेडिटेसन करे।
  • विषेले तत्वों वाले खाना खाने से बचे।
  • Moisturizer का प्रयोग करे।
  • पर्सोनल हाइजीन मेंटेंट रखे, अपने आप को साफ स्वछ रखे।
  • अधिक देर तक धूप मे रहे धूप से संन बर्न हो सकता है।
  • अधिक समय तक पानी मे ना रहे है।
  • स्किन पर खुआली होने पर ज्यादा खरोंचना स्किन के लिए हानिकर हो सकता है।
  • अपनी दिनचर्या सही बनाए।
  • स्किन से संभानधित कोई भी बीमारी हो डॉक्टरको जरूर से दिखाए।
  • एसी दवाइयों का प्रयोग ना करे जिससे आपको एलर्जी होती है जिससे आपकी तभीयत खराब होती है।

और पड़े प्रोस्टेटाईटिस की सम्पूर्ण जानकरी

Psoriasis treatment in Hindi । सोरायसिस के उपचार :-

अगर हम उपचार की बात करे तो डॉक्टर द्वारा कुछ इस तरह ट्रीट्मन्ट दिया जाता है।

  • डॉक्टर steroid creams का प्रयोग करते है।
  • Moisturizers का पयोग करके सुखी स्किन को ठीक किया जा सकता है।
  • Light therapy:- लाइट टेरिपी से त्वचा की कोशिकाओ को अत्याशिक बदने से रोका जा सकता है।
  • एंजाइम इनहिबिटर:- एंजाइम इनहिबिटर दवाओ का प्रयोग डाक्टर इंफलमेंटरी बियमरियों को ठीक करते है। जिसमें सोरायसिस या सोरियाटिक गठिया को ठीक करने मे करते है।
  • आवश्यक दवाइया मरीज की दी जाती है।

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डायरिया के लक्षण, कारण, बचाव और उपचार

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Cold sore in Hindi । कोल्ड सोर्स की जानकारी https://kumarmedicalcare.com/cold-sore-in-hindi/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=cold-sore-in-hindi https://kumarmedicalcare.com/cold-sore-in-hindi/#respond Sat, 10 Apr 2021 13:09:50 +0000 https://kumarmedicalcare.com/?p=245 आज हम जानेगे कोल्ड सोर्स के बारे मे कोल्ड सोर्स क्या है, कोल्ड सोर्स कैसे होता है, कोल्ड सोर्स के क्या कारण है, इसके क्या ...

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आज हम जानेगे कोल्ड सोर्स के बारे मे कोल्ड सोर्स क्या है, कोल्ड सोर्स कैसे होता है, कोल्ड सोर्स के क्या कारण है, इसके क्या लक्षण होते है, इसके बचाव क्या है और क्या उपचार दिया जाता है। हम जानेंगे इस पोस्ट Cold sore in Hindi मे जो नीचे अलग अलग सेक्सन मे लिखा गया है।

कोल्ड सोर्स एक वाइराल इन्फेक्शन है, जो होंठों के चारों तरफ कही भी हो जाते है। Cold sores herpes simplex virus 1 से होते है। और उन छालों मे पानी भर जाता है। जिसे हम फफोले कहते है और कुछ ही दिनों मे वो फट जाते है। जिसमे व्यक्ति को दर्द का सामना करना पड़ता है। और ये अधिकतर किस करने से फैलता है। कुछ ही दिनों मे यह ठीक हो जाते है।

Definition of cold sore in Hindi (कोल्ड सोर्स की परिभाषा):-

Cold sores एक प्रकार के छाले होते है, जिसे हम Fever Blister भी कहते है, जो होंठों के चारों ओर फफोलों के रूप मे निकालते है। जो कुछ दिनों मे ठीक हो जाते है।

Duration(समय):-

अगर हम कोल्ड सोर के Duration की बात करे, तो यह लगभग 2 से 3 हफ्ते तक रहते है, और धीरे धीरे अपने आप ठीक हो जाते है।

और पड़े एक्जिमा की पूरी जानकारी 

Causes of Cold sores in Hindi (कोल्ड सोर के कारण):-

कोल्ड सोर वाइरल इन्फेक्शन के करना होता है जैसे पहले ही बताया herpes simplex virus प्रकार 1 के कारण होता है।

  1. herpes simplex virus के करना होता है।
  2. यह ज्यादातर किस करने से होता है।
  3. खान एक साथ खाने से हो सकता है।
  4. एक दूसरे से टोवेल शेयर करने से हो सकता है।

Symptoms of Cold sores in Hindi (कोल्ड सोर रोग के लक्षण):-

अगर हम कोल्ड सोर्स की लक्षणों की बात करे तो कुछ इस प्रकार के लक्षण हो सकते है।

  1. व्यक्ति को ठंड लग के बुखार आ सकती है।
  2. व्यक्ति को होंठों पे दर्द होता है।
  3. होंठों पे ब्लिस्टर बन जाते है।
  4. व्यक्ति को होंठों पे खुजली होती है।
  5. व्यक्ति को सिर दर्द हो सकता है।

और पड़े सोरायसिस पूरी की जानकारी

Diagnosis of Cold sores in Hindi ( कोल्ड सोर के निदान):-

Physical examination(शारीरिक जाच):- पेसेन्ट की शारीरक जाच करेंगे, जिसमे पेसेन्ट के होंठों पर Blister  की।

Blood test (रक्त जांच) :- पेसेन्ट का ब्लड टेस्ट करेंगे ये पता लगने के लिए किस करना ये बीमारी हुई है।

Prevention of Cold sores in Hindi (कोल्ड सोर्स के बचाव):-

अगर हम कोल्ड सोर के बचाव की बात करे तो कुछ टिप्स जिन्हे अपना कर कोल्ड सोर से बच जा सकता है। जो निम्न है-

  1. खुद पर्सोनल हाइजीन मेंटेंन कर के रखे।
  2. किस करने से बचे।
  3. किसी दूसरे के टोलिया उपयोग ना करे।
  4. एक साथ खान खाने से बचे।
  5. अगर आपको कोल्ड सोर है, तो आप एसीडीक खाने और फलों का प्रयोग ना करे।
  6. सूरज की रोसनी मे ज्यादा देर तक ना रहे।

और पड़े डायरिया(Diarrhea) की पूरी जानकारी 

Treatment of Cold sores in Hindi (कोल्ड सोर का इलाज):-

  • अगर हम कोल्ड सोर के उपचार की बात करे, तो यह herpes simplex virus 1 के कारण होता है। जिसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन कोल्ड सोर कुछ ही हफ्तों मे ठीक हो जाते है।
  • कोल्ड सोर के इलाज मे Antiviral drugs बहुत कारगर है। आप अपने डाक्टर से परामर्स से Antiviral medicine ले सकते है।
  • आप खोपरे का तेल ब्लिस्टर पर लगा सकते है, जिससे कुछ राहत मिल सकती है।

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