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]]>प्रोस्ट्रेट ग्रंथि मे जलन होना और सूजन आ जाता है। जिसे हम प्रोस्टेटाइटिस कहते है। प्रोस्ट्रेट ग्रंथि वीर्य का उत्पादन करती है। प्रोस्ट्रेट ग्रंथि ब्लेडर के निचले हिस्से मे पाई जाती है। ये ग्रन्थि 50 से 75 % वीर्य का निर्माण करती है। प्रोस्ट्रेट ग्रंथि का आकार उम्र के साथ बडता रहता है। जो शुक्राणुओ के पोषण मे सह्यक होता है। और यह शुक्राणुओ का परिवहन भी करता है। और प्रोस्ट्रेट ग्रंथि का आकार उम्र के साथ बडता रहता है। प्रोस्टेटाइटिस बीमारी सभी उम्र के पुरुषों मे हो सकती है। लेकिन 30 से 50 वर्ष की उम्र वाले पुरुषों मे अधिक होने की संभावना होती है। प्रोस्टेट ग्रन्थि मे सूजन आने के करना पेशाब ठीक से न हो पाना, पेशाब मे दर्द, पेशाब रुक रुक कर आना, पेशाब मे जनन, आदि समस्या होने लेगती है।
अगर हम प्रोस्टेटाईटिस के प्रकारों की बात करे तो इसके निम्न लिखित प्रकार होते है।
एक्यूट बैक्टीरियल प्रोस्टेटाइटिस यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के कारण होता है। इसमे प्रोस्टेट ग्रन्थि मे सूजन आ जाती है। और ब्लेडर के निचले हिस्से मे दर्द होने लगता है। यूरिन करने मे परेसनी होने लगती है। एक्यूट बैक्टीरियल प्रोस्टेटाइटिस का उपचार लेने मे कुछ दिनों मे ठीक हो जाता है।
क्रोनिक बैक्टीरियल प्रोस्टेटाइटिस होने पर यह बहुत दिनों तक रहता है। और गंभीर हो जाता है। इसमे इन्फेक्शन होने पेसेन्ट को दर्द का सामना करना पड़ता है। यूरिन के साथ पस आने लगता है। यूरिन करने मे परेसानी होती है। और इसका इलाज लंबे समय तक चल है। और अधिक परेसानी होने पर इसे सर्जरी द्वारा ठीक किया जाता है।
क्रोनिक पैल्विक पेन सिंड्रोम पुरुषों मे आम होने का प्रकार है। इस प्रकार प्रोस्टेटाइटिस मे सूजन आ जाती है। इस प्रकार के प्रोस्टेटाइटिस मे पेलविक, पेरेनम, अंडकोश, मलासय मे दर्द होते रहता है। और क्रोनिक पैल्विक पेन सिंड्रोम हर 3 पुरुषों मे से 1 को होता है।
सिम्पटोमैटिक इंफ्लेमेटरी प्रोस्टेटाइटिस मे प्रोस्टेटाइटिस मे सूजन आ जाती है। लेकिन इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते है।
[और पड़े Black Fungal Infection के बारे मे ]
प्रोस्टेटाइटिस के और भी कई कारण हो सकते हैं जैसे कि :
[और पड़े एक्जिमा की पूरी जानकारी के बारे मे ]
अगर हम प्रोस्टेटाइटिस के लक्षणों कि बात करे तो इसके प्रमुख लक्षण निम्न है-
[और पड़े सोरायसिस पूरी की जानकारी के बारे मे ]
अगर हम प्रोस्टेटाइटिस के निदान की बात करे तो कुछ इस तरह से इस बीमारी का पता लगाया जाता है-
[और पड़े कोल्ड सोर्स की जानकारी के बारे मे ]
प्रोस्टेटाइटिस के इलाज के लिए कई दवाएं इस्तेमाल की जाती हैं। इसमें निम्नलिखित दवाएं शामिल हो सकती हैं-
[और पड़े डायरिया के लक्षण, कारण, बचाव और उपचार के बारे मे ]
अगर हम प्रोस्टेटाईटिस के Complications की बात करे तो प्रोस्टेटाईटिस के बाद पेसेन्ट को निम्न Complications हो सकती है-
जीवनशैली में बदलाव ला कर हम प्रोस्टेटाईटिस होने से बचा जा सकता है-
उत्तर:- प्रोस्ट्रेट एक ग्रन्थि होती है। प्रोस्ट्रेट ग्रंथि ब्लेडर के निचले हिस्से मे पाई जाती है। ये ग्रन्थि 50 से 75 % वीर्य का निर्माण करती है। प्रोस्ट्रेट ग्रंथि का आकार उम्र के साथ बडता रहता है। जो शुक्राणुओ के पोषण मे सह्यक होता है। और यह शुक्राणुओ का परिवहन भी करता है।
उत्तर:- प्रोस्ट्रेट ग्रंथि मे जलन और सूजन आने की स्थिति को प्रोस्टेटाईटिस कहते है। और यह बिमारी पुरुषों मे होती है। जिसमे पेशाब करते समय दर्द होता है और पेशाब मे जलन होती है, और पेशाब रुक रुक के आती है।
उत्तर:- प्रोस्टेटाईटिस पुरुषों मे होता है और जिन पुरुषों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मे कमी है, या प्रोस्टेट ग्लैन्ड मे चोट लगी हो, सुरक्षित सेक्सुअल एक्टिविटी नहीं करते है उनको हो सकत है।
उत्तर:- प्रोस्टेटाईटिस होने पर कुछ इस तरह के लक्षण हो सकते है। जिसमे पेसेन्ट को पेशाब मे जलन, पेशाब मे दर्द, यूरेथ्रा मे दर्द, पेशाब के रक्त आना, लिंग मे दर्द मलाशय और अंडकोश मे दर्द, आदि लक्षण हो सकते है।
उत्तर:- प्रोस्टेटाईटिस होने पर यूरिन एनालिसिस और कल्चर (यूरिनएनालिसिस), ब्लड टेस्ट, CT Scan, Xray, sonography आदि। जाचे डॉक्टर द्वारा कराई जाती है।
उत्तर:- प्रस्टेट बढ़ने पर पेसेन्ट को पेशाब मे जलन, पेशाब मे दर्द, यूरेथ्रा मे दर्द, पेशाब के रक्त आना, लिंग मे दर्द मलाशय और अंडकोश मे दर्द आदि समस्याए
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]]>The post Black Fungal Infection information in Hindi । Mucormycosis information in Hindi appeared first on Kumar Medical Care.
]]>Black fungal infection एक प्रकार का फंगल इन्फेक्शन है, जिसे म्यूकॉर-माइकोसिस (Mucormycosis) कहा जाता है और ब्लेक फंगल इन्फेक्शन को ज़ीगोमाइकोसिस नाम से भी जाना जाता है। ब्लैक फंगल पर्यावरण मे जमीन पर पड़ा कार्बनिक पदार्थ से अपना भोजन लेकर अपना विकाश करता है। कार्बनिक पदार्थ मिट्टी, रेत, खाद, पत्तों मे पाया जाता है।
यह बीमारी उन व्यक्तियों को होती है, जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। क्योंकि हवा मे मोजूद कवक (Fungus) व्यक्ति को प्रभावित करते है। जिस कारण Black fungal infection होता है।
Black fungal infection एक प्रकार का गंभीर बीमारी है, जो बहुत तेजी से शरीर मे फैलता है। जो की आँख, नाक, मुह, चेहरा, और त्वचा और दिमाग को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। जिसमे पेसेन्ट के चेहरे पे सूजन आ जाती है, नाक बंद हो जाती है और आखों मे सूजन आ जाती है। आँखों से पानी बहने लगता है। ये मुख्य लक्षण दिखाई देते है।
अभी कोरोना वायरस के इलाज के दौरान स्टेरॉयड दवाईया जैसे- टोक्सिलिज़ुमाब(Tocilizumab),डेक्सामेथासोन (Dexamethasone)आदि उपयोग मे लाई जा रही है। ये दवाईया शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली को नियंत्रित कर के रखती है। लेकिन येसा करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है। जिस कारण यह ब्लेक कवक (Black fungus) व्यक्ति को तेजी से गंभीर रूप से प्रभावित कर देता है।
म्यूकॉरमाइकोसिस के प्रकार । Types of Mucormycosis in Hindi:-
ब्लेक फंगल इन्फेक्शन(म्यूकॉरमाइकोसिस) 5 प्रकार का होता है-
म्यूकॉरमाइकोसिस के कारण । Causes of Mucormycosis in Hindi:-
अगर हम Black Fungal Infection (Mucormycosis) के कारण की बात करे तो, ब्लैक फंगल पर्यावरण मे जमीन पर पड़ा कार्बनिक पदार्थ जो सड़ जाता है। और उसमे पनपने वाला fungus जो हवा के माध्यम से व्यक्ति को प्रभावित करता है। जैसे-
ये कुछ इन कारणों से ब्लैक फंगस होता है। जो हवा के माध्यम से व्यक्ति को प्रभावित करता है।
[और पड़े स्किन डिसिज सोरायसिस के बारे मे ]
Mucormycosis के लक्षण । Symptoms of Mucormycosis in Hindi:-
म्यूकोरमाइकोसिस के लक्षणों की बात करे तो इस प्रकार के होते है।
इस प्रकार का इन्फेक्शन साइनस और मस्तिष्क को प्रभावित करता है। जिसके लक्षण निम्न लिखित है।
यह इन्फेक्शन लंग्स को प्रभावित करता है। जिसके लक्षण निम्न है-
यह इन्फेक्शन त्वचा को प्रभावित करता है। जिसके लक्षण निम्न है-
इस प्रकार का इन्फेक्शन आंतों को प्रभावित करता है। जिसके लक्षण निम्न है-
इस प्रकार का इन्फेक्शन उन लोगों को प्रभावित करता है। जो लोग पहले से किसी बीमारी से ग्रसित है। और यह Disseminated mucormycosis होने के कारण मानशिक स्थिति मे बदलाव आता है और पेसेन्ट कोमा मे चला जाता है।
[और पड़े स्किन डिसिज कोल्ड सोर्स के बारे मे]
Mucormycosis के बचाव । Prevention of mucormycosis in Hi ndi:-
अगर हम ब्लेक फंगस के बचाव की बात करे तो कुछ उपाय है, जिन्हे अपना कर ब्लेक फंगस से बच जा सकता है। जो निम्न है-
Mucormycosis के निदान । Diagnosis of Mucormycosis in Hindi:-
आज हमने जाना Black Fungal Infection के बारे मे और Black Fungal Infection के प्रकार, कारण, लक्षण, बचाव के उपाय, निदान , उपचार और जातिलताओ के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी के बारे मे जाना । अगर आपको हमारी ये जानकारी अच्छी लगी है या ये पोस्ट आपको पसंद आई है , तो आप अपने दोस्तों को जरूर से शेयर करे।
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]]>The post एक्जिमा की पूरी जानकारी । Eczema Full Information in Hindi appeared first on Kumar Medical Care.
]]>आप अक्सर खुजली से परेसान रहते होंगे। और कभी कभी अत्यधिक बड़ जाती है। जिसका करना एक्जिमा हो सकता है। जिसमे व्यक्ति को खुजली चलती है। और स्किन लाल, सुखी और पपड़ीदार हो जाती है।
एक्जिमा एक स्किन मे होन वाला रोग है। जिसमे पेसेन्ट को एलर्जी और खुजली होने लगती है। जिस कारण त्वचा लाल, सुखी, प्लेगयुक्त हो जाती है। जिसका समय पर इलाज न मिलने पर त्वचा सुखी और पपड़ी युक्त हो जाती है। और खुजालने पर उसमे से खून भी निकालने लगता है। और घाव बन जाते है। एक्जिमा एक एसी बीमारी है जिसका इलाज लंबे समय तक चलता है।
अगर हम एक्जिमा के कारणों की बात करे, तो एक्जिमा किस कारण होता है। इसका अभी कोई सही कारण नहीं है। लेकिन कुछ निम्न कारणों से एक्जिमा रोग होता हैः-
[ और पड़े स्किन डिसिज सोरायसिस के बारे मे ]
अगर हम एक्जिमा के लक्षणों की बात करे तो अगल अगल व्यक्तियों मे भिन्न भिन्न हो सकते है। जिनमे ये एक्जिमा के लक्षण हो सकते हैंः-
[और पड़े स्किन डिसीज सोल्ड सोर्स के बारे मे ]
Physical examination (शारीरिक जांच):-
मरीज के शरीर मे सोरायसिस हुआ है, उसकी जांच करेंगे जिसमे निम्न बिन्दुओ पर बात करेंगे-
Blood test (रक्त जांच):- मरीज का ब्लड टेस्ट कराएंगे।
Serum test (सीरम की जांच):– मरीज का सीरम टेस्ट कराएंगे।
और पड़े प्रोस्टेटाईटिस की सम्पूर्ण जानकरी
और पड़े Black Fungal Infection information in Hindi
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]]>The post Psoriasis information in Hindi । सोरायसिस पूरी की जानकारी appeared first on Kumar Medical Care.
]]>सोरायसीस एक स्किन से संबंधित बीमारी है, जो शरीर मे रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी होने कारण होती है। इस बीमारी मे स्किन के ऊपर लाल धब्बे बन जाते है और कुछ दिनों के बाद उन धब्बों से स्किन की पपड़ी निकालने लगती है। और उस स्किन पर मरीज को खुजली चलने लगती है। खुजली के कारण स्किन की पपड़ी छोटे छोटे टुकड़ों मे निकने लगती है। यह बीमारी घुटने, कोहनी, खोपड़ी, और धड़ मे अधिक देखने को मिलती है। सोरायसिस एक येसी बीमारी है, जिसका कोई इलाज उपलब्ध नहीं है।
सोरायसिस एक त्वचा का विकार है, जिसमे व्यक्ति की त्वचा की कोशिकाये 10 गुण तेजी से बड़ने लगती है और स्किन लाल, सुखी, और पपड़ीदार हो जाती है और ये बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति मे नहीं फैलती है। और ये बीमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता की कमी होने से होती है।
अगर हम सोरायसिस के कारण की बात करे तो, इस बीमारी का कोई सही कारण मोजूद नहीं है, लेकिन कुछ येसे कारक है, जो सोरायसिस होने का कारण बनते है। जिनके कारण यह बीमारी होती है। जो निम्न है-
और पड़े एक्जिमा की पूरी जानकारी
Physical examination (शारीरिक जांच):-
मरीज के शरीर मे सोरायसिस हुआ है, उसकी जांच करेंगे जिसमे निम्न बिन्दुओ पर बात करेंगे-
Blood test (रक्त जांच):- मरीज का ब्लड टेस्ट कराएंगे।
Serum test (सीरम की जांच):- मरीज का सीरम टेस्ट कराएंगे।
इस सेक्शन मे हम जानेंगे सोरायसिस से कैसे बचा जाए। सोरायसिस से बचाने के लिए कुछ उपाय है, जो आप अपना सकते है, जो आपको इस बीमारी से बचाएंगे जो निम्न है-
और पड़े प्रोस्टेटाईटिस की सम्पूर्ण जानकरी
अगर हम उपचार की बात करे तो डॉक्टर द्वारा कुछ इस तरह ट्रीट्मन्ट दिया जाता है।
और पड़े
Black Fungal Infection information in Hindi
डायरिया के लक्षण, कारण, बचाव और उपचार
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]]>कोल्ड सोर्स एक वाइराल इन्फेक्शन है, जो होंठों के चारों तरफ कही भी हो जाते है। Cold sores herpes simplex virus 1 से होते है। और उन छालों मे पानी भर जाता है। जिसे हम फफोले कहते है और कुछ ही दिनों मे वो फट जाते है। जिसमे व्यक्ति को दर्द का सामना करना पड़ता है। और ये अधिकतर किस करने से फैलता है। कुछ ही दिनों मे यह ठीक हो जाते है।
Cold sores एक प्रकार के छाले होते है, जिसे हम Fever Blister भी कहते है, जो होंठों के चारों ओर फफोलों के रूप मे निकालते है। जो कुछ दिनों मे ठीक हो जाते है।
अगर हम कोल्ड सोर के Duration की बात करे, तो यह लगभग 2 से 3 हफ्ते तक रहते है, और धीरे धीरे अपने आप ठीक हो जाते है।
और पड़े एक्जिमा की पूरी जानकारी
कोल्ड सोर वाइरल इन्फेक्शन के करना होता है जैसे पहले ही बताया herpes simplex virus प्रकार 1 के कारण होता है।
अगर हम कोल्ड सोर्स की लक्षणों की बात करे तो कुछ इस प्रकार के लक्षण हो सकते है।
और पड़े सोरायसिस पूरी की जानकारी
Physical examination(शारीरिक जाच):- पेसेन्ट की शारीरक जाच करेंगे, जिसमे पेसेन्ट के होंठों पर Blister की।
Blood test (रक्त जांच) :- पेसेन्ट का ब्लड टेस्ट करेंगे ये पता लगने के लिए किस करना ये बीमारी हुई है।
अगर हम कोल्ड सोर के बचाव की बात करे तो कुछ टिप्स जिन्हे अपना कर कोल्ड सोर से बच जा सकता है। जो निम्न है-
और पड़े डायरिया(Diarrhea) की पूरी जानकारी
और इन्हे भी पड़े
Black Fungal Infection information in Hindi
प्रोस्टेटाईटिस की सम्पूर्ण जानकरी
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]]>Diarrhea एक एसी स्थिति है, जिसमे आंतों मे वायरस, बैक्टीरिया औ पेरासाइट के कारण इन्फेक्शन हो जाता है, जिसे आंत्रशोध(gastroenteritis) भी कहते है। जिसमे आंतों मे सूजन आ जाती है। जिस कारण मल पतला आने लगता है और बार बार मल करने की आसंका रहती है। जिसे हम Diarrhea कहते है।
Acute Diarrhea:- इस प्रकार के दस्त मे कुछ ही दिनों तक रहा है, जिसमे पेसेन्ट को मल पतला होने लगता है। इसका इलाज करने की आवश्यकता बहुत कम पड़ती है। यह अपने आप एक दो दिन मे ठीक हो जाता है।
Persistent Diarrhea:- इस प्रकार के दस्त मे पेसेन्ट को पानी जैसे मल आने लगता है और यह 2 से 4 सप्ताह तक रहता है। जिसे Persistent Diarrhea कहते है। इस स्थिति मे उपचार कारण अनिवार्य होता है।
Chronic Diarrhea:- इस प्रकार का Diarrhea लंबे समय तक रहता है, लगभग जो 4 सप्ताह से अधिक हो सकता है, जिसे chronic Diarrhea कहते है। ये बहुत ही गंभीर स्थिति होती है। इस प्रकार Diarrhea मे पेसेन्ट की कोमा मे भी जा सकता है।
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डायरिया रोग होने पर कुछ लक्षण सामान्य और कुछ लक्षण गंभीर हो सकते है। यह लक्षण कुछ इस प्रकार है-
और पड़े एक्जिमा की पूरी जानकारी
रक्त की जाच इसलिए की जाती है, की दस्त किस कारण हुआ ये पता लगने के लिए।
मल का परीक्षण इस लिए किया जाता है, की diarrhea परजीवी के कारण हुआ है या जीवाणु के कारण हुआ है। ताकि उसका सही उपचार दिया जा सके।
Sigmoidoscopy ओर colonoscopy की जाती है यह पता लगने के लिए की आंतों मे सूजन तो नहीं है और आंतों मे छाले तो नहीं पड गए है।
और पड़े सोरायसिस पूरी की जानकारी
इस सेक्शन मे हम जानेगे की diarrhea से कैसे बचा जा सकता है। हम जानेंगे कुछ येसे टिप्स जिनको अपना कर diarrhea रोग होने से बचा जा सकता है। जो निम्न प्रकार के है-
डायरिया से छुटकारा पाने के लिए आप घर पर कुछ उपाय कर सकते है। और अगर इन उपायों से डायरिया ठीक ना हो तो आप अपने डाक्टर से जाकर उपचार कराए तो चलिए जानते है कुछ उपाय जो आप घर पर कर सकते है-
और इन्हे भी पड़े
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